Journal Entries Sikhe Accounts Only | जर्नल एंट्रीज अकाउंट ओन्ली

        दोस्तों, इस ब्लाॅग में हम सीखेगें जर्नल एण्ट्रीज बारे मे।

 सबसे पहले हम जानते हैं कि जर्नल एण्ट्रीज करने के लिए हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना है:-

  • किसी भी लेन-देन की एण्ट्री करते वक्त हमें उस लेन-देन से दो या दो से अधिक खाते निकालने होते है। 
  • खाते निकालने के बाद उनके प्रकार का चयन करते है। यानि ये खाता व्यक्तिगत खाता है या वस्तुगत खाता है या अवस्तुगत खाता।
  • खातों के प्रकार का चयन करने के बाद उन खातों पर जर्नल एण्ट्री के नियम लगाते हैं। जो नियम हमने पिछले ब्लाॅग में सीखे थे।
  • आखिर में खातों के प्रकार के आधार पर यह चयन करेंगे की खाता का डेबिट या क्रेडिट

जर्नल एण्ट्रीज को हम मुख्य रूप से दो भागों मे बांट सकते हैं। 

  • Account Only
  • Accounts with Inventory

Accounts Only

  • आज हम जर्नल एण्ट्रीज के पहले भाग Accounts Only के बारे में जानेंगे। 
  • Accounts Only  में सेवाओं या रूपयों का लेनदेन होता है। 
  • माल का लेन-देन होता भी है तो इसमें स्टाॅक की डिटेल नहीं दी होती। 

चलिए हम कुछ एण्ट्रीज को समझ लेते है:-

Jameel Attari Tutorial

Accounts Only

Practice:-1

इसरार ने 50000 रूपये नकद से व्यापार प्रारंभ किया। 

  • जब हम किसी बिजनेस की शुरूआत करते हैं तो हम बिजनेस को शुरू करने के लिए पूंजी लगाते हैं। 
  • इस एण्ट्री से दो खाते निकल रहे हैं:- Cash and Capital 
  • Cash :- Real Account – Cash आ रहा है इसलिए Debit (Dr.)
  • Capital :- Personal Account – Credit (Cr.)
  • इस लेन-देन की जर्नल एण्ट्री होगी:-

Cash A/c Dr.                    50000

To Capital A/c                     50000 


3000 रूपये का माल खरीदा। 

  • इस लेन-देन में माल खरीदा दिया गया है। 
  • यह नहीं दिया गया कि माल उधार खरीदा या नकद। 
  • जब माल किससे खरीदा गया है या नकद खरीदा नहीं दिया हो तो उस लेन-देन का नकद ही माना जाएगा। 
  • जैसा कि हमने पिछले ब्लाॅग Purchase में देखा था। 
  • इस एण्ट्री से दो खाते निकल रहे हैं:- Purchase and Cash
  • Purchase :- Real Account- माल आ रहा है इसलिए Debit  (Dr)
  • Cash :- Real Account – Cash जा रहा है इसलिए Credit (Cr)
  • इस लेन-देन की जर्नल एण्ट्री होगी:-

Purchase A/c Dr.                     3000

To Cash A/c                       3000

सुरेश को 10000रूपये का माल बेचा:-

  • लेन-देन में माल खरीदने वाले का नाम दिया है और नकद शब्द नहीं दिया गया है इसलिए इस उधार बिक्री ही माना जाएगा। 
  • इस एण्ट्री से दो खाते निकल रहे हैं Suresh and Sales
  • Suresh :- Personal Account :- सुरेश का माल मिल रहा है इसलिए Debit (Dr) 
  • Sales :- Real Account :- माल जा रहा है इसलिए Credit (Cr)

Suresh’s Account Dr        10000

To Sales A/c                    10000

5000 रूपये की नकद बिक्री। 

  • इस एण्ट्री से दो खाते निकल रहे हैं:- Cash and Sales
  • Cash :- Real – नकद हमारे पास आ रहा है इसलिए Debit
  • Sales :- Real – माल जा रहा है इसलिए  Credit
  • इस लेन-देन की जर्नल एण्ट्री होगी:-

Cash A/c Dr.           5000

To Sales A/c               5000

5000 रूपये सुरेश से प्राप्त हुए। 

  • इस एण्ट्री से दो खाते निकल रहे हैं:- Cash and Suresh
  • Suresh:- Personal – देने वाला है इसलिए Credit (Cr)
  • Cash:- Real – आ रहा है इसलिए Debit (Dr)

Cash A/c Dr.           5000

To Suresh’s A/c           5000

1000 रूपये दूकान का किराया चुकाया। 

  • खर्चों में नकद या उधार न दिया होने पर नकद लेन-देन ही माना हाता है। 
  • इस एण्ट्री से दो खाते निकल रहे हैं:- Cash and Rent 
  • Cash:- Real – Cash जा रहा है इसलिए Credit (Cr)
  • Rent:- Nominal- Rent खर्चा है इसलिए Debit (Dr)
  • इस लेन-देन की जर्नल एण्ट्री होगी:-

Rent A/c Dr.           1000

To Cash A/c             1000

सफदर से 20000 रूपये का माल खरीदा।

  • इस एण्ट्री से दो खाते निकल रहे हैं:- Purchase  and Safdar
  • Purchase :- Real – माल आ रहा है इसलिए Purchase, Debit (Dr.)
  • Safdar :- Personal – Safdar देने वाला है इसलिए Credit (Cr.)
  • इस लेन-देन की जर्नल एण्ट्री होगी:-

Purchase A/c Dr.          20000

Safdar A/c                         20000

20000 रूपये का फर्नीचर नकद खरीदा।

  • फर्नीचर हमनें यूज करने के लिए खरीदा है न कि बेचने के लिए।
  • इस एण्ट्री से दो खाते निकल रहे हैं:- Furniture and Cash
  • Fruniture:- Real – Furniture आ रहा है इसलिए Debit (Dr.)
  • Cash:- Real – Cash जा रहा है इसलिए Credit (Cr.)
  • इस लेन-देन की जर्नल एण्ट्री होगी:-

Furniture A/c Dr.           20000

To Cash A/c                     20000

सफदर को 17000 रूपये चुकाये। 

  • यहां हमने सफदर से माल खरीदा था उसी का भुगतान हमने किया है 
  • इस एण्ट्री से दो खाते निकल रहे हैं:- Safdar and Purchase
  • Cash :- Real – Cash जा रहा है इसलिए Credit (Cr.)
  • Safdar :- Personal – Safdar लेने वाला है इसलिए Debit (Dr.)
  • इस लेन-देन की जर्नल एण्ट्री होगी:-

Safdar’s  A/c Dr.          17000

To Cash A/c                   17000

3500 रूपये निजी प्रयोग हेतु राशि निकाली।

  • यहां हमने व्यवसाय में से पर्सनल यूज के लिए राशि निकाली है। 
  • अगर पर्सनल यूज के लिए माल या राशि निकाली जाती है तो उसे आहरण कहते हैं 
  • इसलिए इस एण्ट्री से दो खाते निकल रहे हैं:- Cash and Drawings
  • Cash :- Real – Cash जा रहा है इसलिए Credit (Cr.)
  • Drawings :- Nominal – Drawings खर्चा है इसलिए  Debit (Dr.)
  • इस लेन-देन की जर्नल एण्ट्री होगी:-

Drawings A/c Dr.           3500

To Cash A/c                       3500

800 रूपये मजदूरी चुकाई। 

  • खर्चों में नकद या उधार न दिया होने पर नकद लेन-देन ही माना हाता है। 
  • इस एण्ट्री से दो खाते निकल रहे हैं:- Cash and Wages
  • Cash :- Real – Cash जा रहा है इसलिए Credit (Cr.)
  • Wages :-Nominal – Wages खर्चा है इसलिए Debit (Dr.)
  • इस लेन-देन की जर्नल एण्ट्री होगी:-

Wages A/c Dr.           800

To Cash A/c                     800

5000 रूपये वेतन चुकाया।

  • खर्चों में नकद या उधार न दिया होने पर नकद लेन-देन ही माना हाता है। 
  •  इस एण्ट्री से दो खाते निकल रहे हैं:- Cash and Salary
  • Cash :- Real – Cash जा रहा है इसलिए Credit (Cr.)
  • Salary :-Nominal – Salary खर्चा है इसलिए Debit (Dr.)
  • इस लेन-देन की जर्नल एण्ट्री होगी:-

Salary A/c Dr.           5000

To Cash A/c                     5000

1200 ब्याज प्राप्त किया।

  • खर्चों में नकद या उधार न दिया होने पर नकद लेन-देन ही माना हाता है। 
  •  ब्याज का लेन-देन अक्सर बैंक अकाउण्ट में ही होता है। इस लेन-देन में बैंक का हवाला नहीं दिया गया है इसलिए इसे नकद लेन-देन ही माना जाएगा। 
  • इस एण्ट्री से दो खाते निकल रहे हैं:- Cash and Interest
  • Cash :- Real – Cash आ रहा है इसलिए Debit (Dr.)
  • Interest :-Nominal – Interestआय है इसलिए Credit (Cr.)
  • इस लेन-देन की जर्नल एण्ट्री होगी:-

Cash A/c Dr.           1200

To Interest A/c                     1200

  • हम उम्मीद करते हैं कि आपको जर्नल एण्ट्रीज समझ मे आ गई होंगी।
  • अगर आपको जर्नल एण्ट्री के बारे में आपको कोई परेशानी हो तो आप कमेंट बाॅक्स में लिखकर पूछ सकते हैं।
  •  हम पूरी कोशिश करेंगे आपके कमेंट का जवाब देने की। 
  • अगले ब्लाॅग में हम Journal Entries Accounts With Inventory सीखेंगे।

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